सर्जरी को उन स्थितियों में कहा जाता है जहां दवाओं की सीमित या कोई भूमिका नहीं होती है और जहां शल्य चिकित्सा सहायता, ऑपरेशन स्थिति को ठीक कर सकता है या सुधार सकता है। ऐसी कई बीमारियाँ हैं, जिन्हें "शल्य चिकित्सा" के रूप में जाना जाता है। उदाहरण के लिए, सेप्टिक आवर्तक टॉन्सिलिटिस, पाइल्स, फिशर-इन-एओ, फिस्टुला, एपेंडिसाइटिस (गैंग्रीन को छोड़कर)। क्रॉनिक ईयर डिस्चार्ज, वोकल कॉर्ड नोड्यूल्स, नाक-कान में पॉलीप, किडनी और बिली (छोटे) स्टोन, स्मॉल साइज यूटेराइन फाइब्रॉएड। डिम्बग्रंथि अल्सर, मौसा, कॉर्न्स आदि, इन बीमारियों का इलाज सर्जरी के लिए बिना होम्योपैथिक उपचार के साथ सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
********
वीडियो हाइलाइट्स:
0:55: सर्जिकल रोगों के उदाहरण
1:34: सर्जिकल रोगों में होम्योपैथी की गुंजाइश।
1:57: होम्योपैथी या सर्जरी का चुनाव कैसे करें, यह कैसे तय करें।
2:40: केस का उदाहरण जिसे सर्जरी की जरूरत है।
3:14: सर्जिकल मामलों में होम्योपैथिक उपचार कब शुरू करें।
Surgery By Sweet Pills?
Surgery is called forth in the conditions where medicines have limited or no role and where surgical aid, operation can cure or improve the condition. There are number of diseases which are labeled as “surgical”. For example, Septic Recurrent Tonsillitis, Piles, Fissure-in-ano, Fistula, Appendicitis (except gangrenous). Chronic Ear Discharge, Vocal cord nodules, Polyp in nose-ear, Kidney & Biliary (small) stones, Small Size Uterine Fibroids. Ovarian Cysts, Warts, Corns, etc. These diseases can also be treated successfully with Homeopathic remedies without going for surgery.
**********
Video Highlights:
0:55: Examples of Surgical Diseases
1:34: Scope of homoeopathy in surgical diseases.
1:57: How to decide whether to opt Homoeopathy or Surgery.
2:40: Example of Case which needs Surgery.
3:14: When to start homeopathic treatment in surgical cases.
Please watch our previously uploaded videos here:
Subscribe our Channel: Agrawal Homoeo Clinic
Also Follow Us At:
Facebook:
Instagram:
Twitter:
Speaker: Dr. Pankaj Aggarwal
#Homeopathy#Surgery#AgrawalHomoeoClinic
0 Comments